बोदरी को नगर पालिका दर्जा मिलने के बाद भी नहीं मिलती बोदरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटा स्वस्थ सुविधा सीएससी अस्पताल बनाने की क्षेत्रवासी कर रहे मांग
पत्रकार सारथी की रिपोर्ट
'हमसफ़र मित्र न्यूज'
मंगलवार की दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चकरभाठा में इलाज करवाने आए हुवे मरीजों और डॉक्टर्स से मिली जानकारी अनुसार
बिलासपुर जिले के सबसे महत्वपूर्ण नगर के रूप में माने जाने वाले नगर पंचायत बोदरी को अब नगर पालिका का दर्जा भी मिल चुका है एवं इस नगर पालिका परिषद के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य का एक मात्र हाई कोर्ट एवं एयरपोर्ट इस्थिय है लेकिन अब तक क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सीएससी बिल्हा या तो बिलासपुर के सिम्स व जिला अस्पताल का ही सहारा लेना पड़ता है यह हम नहीं कह रहे क्षेत्र की आम जनता कह रही है कि जिले का इतना महत्वपूर्ण नगर बनने के बाद भी आखिर नगर पालिका बोदरी में आज तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया अब तक नगर पालिका बोदरी चकरभाटा कैंप में इस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकरभाठा का जीर्णोद्धार क्यों नही कराया गया है जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए या तो सीएससी बिल्हा अस्पताल जाना पड़ता है या फिर बिलासपुर सहर जाना पड़ता है सही नियम से तो अब तक पी एच सी चकरभाठा में भी उच्च स्वस्थ सुविधा की दिशा में कार्य प्रारंभ हो जाना था यहां भी एक एमबीबीएस डॉक्टर की न्युक्ति हो जानी थी आम लोगो को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना प्रारंभ हो जाना था लेकिन न जाने क्यों क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक रवैया की लचर व्यवस्था की वजह से अब तक यहां यह सुविधा उपलब्ध क्यों नही करवाई गई किसी की नजर अब तक चकरभाठा में स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर क्यों नहीं पड़ी
चकरभाठा स्वस्थ केंद सुबह 11 से साम 5:00 बजे तक खोला जाता है जहां मरीजों की भर्ती होने की भी सुविधा ठीक से महिया नहीं कराई गई है जिस वजह से मजबूरन मरीजों को सहर में जाकर इलाज करवाना पड़ता है नगर और छेत्र के विकास के साथ आखिर अस्पताल का जिर्दीधार क्यों नहीं कराया जा रहा यह समझ से परे है सबसे दुखद बात यह की छोटी मोटी बीमारियों के लिए भी लोगो को बिल्हा अस्पताल भेज दिया जाता है इस स्वास्थ्य केंद्र में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है इसका हवाला दे कर क्षेत्र में किसी की मौत होने पर पोस्टमार्टम के लिए बिल्हा अस्पताल भेजा जाता है वहा भी साम 5 बजे के बाद कोई मृतक की बॉडी ले जाए तो डॉक्टर पी एम करने से मना करते हैं और बॉडी को बिल्हा के ग्राम पत्थर खान में बने चीर घर में रख दिया जाता हैं जहा अब तक एक लाइट तक नहीं लगाई लगी है इस लिए फ्रिजर मर्चुरी में बाड़ी रखने का सवाल ही खड़ा नही होता जिसकी वजह से एक्सीडेंटल व अन्य मृतक की बाड़ी गर्मी के दिनों में रात भर में सड़ना चालू हो जाती है कहा जाए तो बिल्हा में भी स्वस्थ सुविधा लचर है सरकार बड़े बड़े वादे तो करती है पर वह धरातल पर पूरा क्यू नही होता आखिर सारा पैसा जाता कहा है चकरभाटा स्वास्थ्य केंद्र को भी अगर सी एच सी बना दिया जाए एक एमबीबीएस डॉक्टर बैठा दिया जाए एवं 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो तो क्षेत्र वासियों को भी सारी बेहतर स्वस्थ सुविधा यही चकरभाठा में मिलने लगे और किसी के परिजन की मौत होने पर पीएम करवाने के लिए बिल्हा जाने मोहभट्ठा फाटक में इंतजार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तब जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ पीएम का कार्य भी चकरभाठा में हो पाएगा खासकर गरीब तख्ते को लोगो को लाभ मिल पाएगा छेत्र के लोग छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी दर-दर भटकने को मजबूर है उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह प्रतिदिन अपने इलाज के लिए बिल्हा अस्पताल या बिलासपुर आना-जाना कर सके इसलिए अब क्षेत्रवासी चकरभाठा के पी एच सी स्वास्थ्य केंद्र को सीएससी अस्पताल के रूप में बनाने की मांग करने लगे हैं।
No comments:
Post a Comment