'शोध'
सर्वे : एक साल के अंदर भारत में कैंसर से हुई 9 लाख से अधिक मौतें, 5 में से एक को कैंसर
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार', (संपादक)
'हमसफ़र मित्र न्यूज'
हमारे देश में कैंसर के मामले में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अनुमानित वैश्विक कैंसर आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में 14.1 लाख से अधिक नए कैंसर के मामले मिले हैं और इसकी वजह से 9.1 लाख से अधिक मौतें हुईं हैं। वहीं वैश्विक स्तर पर 2 करोड़ नए कैंसर के मामले देखा गया है। डब्ल्यूएचओ की कैंसर एजेंसी आइएआरसी ने 185 देशों और 36 तरह के कैंसर का विश्लेषण कर आंकड़े जारी किया है। आंकड़ों के अनुसार कैंसर से मृत्यु का जोखिम यूरोप में सबसे अधिक (11.5 प्रतिशत) देखा गया है। एशिया इस सूची में 9.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।
वैश्विक स्तर पर प्रति 5 में से 1 व्यक्ति को कैंसर
> वैश्विक स्तर पर आइएआरसी ने वर्ष 2050 में 3.5 करोड़ से ज्यादा नए कैंसर मामलों की भविष्यवाणी की है।
> दुनिया भर में 97 लाख लोगों की हुईं कैंसर से मौत।
> भारत में 10.6% आंका गया 75 वर्ष की आयु से पहले कैंसर होने का जोखिम।
> 7.2 प्रतिशत पाया गया उसी उम्र तक कैंसर से मरने का जोखिम।
> 15.6 प्रतिशत कैंसर के मामले थे पुरुषों में होंठ और ओरल कैविटी के।
स्तन कैंसर के मामले हैं सबसे ज्यादा
आइएआरसी के मुताबिक भारत में नए मामलों में सबसे ज्यादा (27 प्रतिशत) स्तन कैंसर के मामले थे। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर (18 प्रतिशत) महिलाओं में सबसे अधिक देखा गया है। पुरुषों में होंठ, ओरल कैविटी और फेफड़े के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखा गया है। वहीं वैश्विक तौर पर महिलाओं में स्तन कैंसर दूसरा 11.6 प्रतिशत) सबसे आम तौर पर होने वाले कैंसर है और वैश्विक कैंसर से होने वाली मौतों में इसका योगदान लगभग 7 प्रतिशत है।
तंबाकू, शराब और मोटापे हैं प्रमुख कारक
एक विश्लेषण में पाया गया है कि कैंसर की बढ़ती मामलों के पीछे तंबाकू, शराब और मोटापा प्रमुख कारक थे। कैंसर एजेंसी ने कहा कि एशिया में लगातार तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम कैंसर के रूप में उभरने का एक संभावित कारण हो सकता है और कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण भी। यह भी गणना की गई कि भारत में कैंसर निदान के बाद पांच वर्षों के भीतर जीवित लोगों की संख्या लगभग 32.6 लाख थी।
सर्विकल आठवें सबसे आम तौर पर होने वाले कैंसर
एक आंकड़ों से यह भी पता चला कि सर्विकल कैंसर वैश्विक स्तर पर आठवें सबसे आम तौर पर होने वाले कैंसर था। इसके अलावा यह कैंसर से होने वाले मौत का 9 वां प्रमुख कारण भी था। यह 25 देशों में महिलाओं में सबसे आम कैंसर के रूप में पाया गया, जिनमें से कई उप-सहारा अफ्रीका में है। आइएआरसी ने कहा कि सर्विकल कैंसर को खत्म किया जा सकता है। वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने सर्विकल कैंसर उन्मूलन के लिए वैश्विक रणनीति अपनायी थी। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने सलाह दी थी कि 90 प्रतिशत लड़कियों को 15 साल की उम्र से पहले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाकर 35 साल उम्र तक 70 प्रतिशत महिलाओं की स्क्रीनिंग कर प्री-कैंसर से पीड़ित 90 प्रतिशत महिलाओं का इलाज कर और आक्रामक कैंसर से पीड़ित 90 प्रतिशत का देखभाल कर यानी 90-70-90 लक्ष्य को प्राप्त कर अगली सदी तक सर्विकल कैंसर को खत्म किया जा सकता है।
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