एकता में बल है - HUMSAFAR MITRA NEWS

Advertisment

Advertisment
Sarkar Online Center

Breaking

Followers


Youtube

Friday, November 3, 2023

 'आज की कहानी' 

एकता में बल है

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार', (संपादक) 

'हमसफर मित्र न्यूज' 






एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। एक कबूतर ने संकेत किया “नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’


कबूतरों ने सूचना पाते ही उतरकर खेत में बिखरा डेन के पास जाने लगे। सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए।


उन में से एक कबूतर बोला “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने हमारी अक्ल पर पर्दा डाल दिया है। हमे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं।”


दूसरा कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।”


बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे। एक बुद्धिमान कबूतर ने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।”


युवा कबूतर फडफडाया “साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?”


बुद्धिमान कबूतर बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।”


सबने ऐसा ही किया। तभी जाल बिछाने वाला शिकारी आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा।


शिकारी जाल से कुछ ही दूर था कि वह बुद्धिमान कबूतर बोला “फुर्रर्रर्र!”


सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर शिकारी अवाक रह गया।



No comments:

Post a Comment