आज केवल इतनी देर तक ही है राखी बांधने का मुहूर्त, फिर लग रहे हैं पंचक! - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Friday, August 12, 2022



 आज केवल इतनी देर तक ही है राखी बांधने का मुहूर्त, फिर लग रहे हैं पंचक!

'हमसफर मित्र न्यूज' 





हिंदू धर्म में खास कामों को करने के लिए शुभ मुहूर्त निकाला जाता है. फिर चाहे बात नया काम शुरू करने, गृह प्रवेश, मुंडन, शादी आदि की बात हो या फिर पूजा-अनुष्‍ठान करने, त्‍योहार मनाने की हो. रक्षाबंधन का पर्व मनाने के लिए शुभ मुहूर्त जानना जरूरी है. बहनों को शुभ मुहूर्त में ही अपने भाई को राखी बांधना चाहिए. जिन भाई-बहन ने कल 11 अगस्‍त को भद्रा काल के कारण रक्षाबंधन नहीं मनाया है, वे आज 12 अगस्‍त को शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन मना सकते हैं.


12 अगस्‍त को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 


शुभ मुहूर्त में किए गए काम का शुभ फल कई गुना बढ़ जाता है. इसी तरह शुभ मुहूर्त में राखी बांधना भाई-बहन के जीवन में प्रेम और सुख-समृद्धि बढ़ाता है. वहीं अशुभ समय में राखी बांधना जीवन में संकट लाता है. इस साल राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर खासी असमंजस है क्‍योंकि 11 अगस्‍त को भद्रा का साया था और 12 अगस्‍त को पंचक लग रहे हैं. ऐसी स्थिति में 12 अगस्‍त 2022, शुक्रवार को पंचक लगने से पहले राखी बांधनी होगी. पंचक 12 अगस्त, शुक्रवार की दोपहर 02:49 बजे से शुरू होंगे और 16 अगस्त, मंगलवार की रात 09:07 बजे तक चलेंगे. ऐसे में 12 अगस्‍त को राखी बांधने के लिए सुबह साढ़े 5 बजे से दोपहर 02:45 बजे तक ही शुभ मुहूर्त रहेगा. इसमें भी सबसे अच्‍छा मुहूर्त सुबह 07:05 बजे तक रहेगा. 


इस बार चोर पंचक 

पंचक 5 दिन के होते हैं और इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं. यहां तक कि पंचक काल में हुई मृत्‍यु को भी अच्‍छा नहीं माना जाता है और ऐसी स्थिति में विशेष अनुष्‍ठान करके अंतिम संस्‍कार किया जाता है, वरना परिवार के अन्‍य लोगों पर संकट आ सकता है. वहीं अलग-अलग दिन लगे पंचक के नाम अलग-अलग होते हैं और उनका असर भी अलग होता है. कल 12 अगस्‍त 2022, शुक्रवार से लग रहे पंचक चोर पंचक हैं. इन पंचकों को अच्‍छा नहीं माना जाता है. इसलिए पंचक लगने के बाद भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए.  


पंचक में न करें ये 5 काम 

ज्योतिष शास्त्र में पंचक के दौरान कुछ अन्‍य काम करने की भी मनाही की गई है. जैसे इस दौरान घर की छत नहीं डालते हैं, घर में फर्नीचर, पलंग नहीं खरीदा जाता है. लकड़ी खरीदने, दक्षिण दिशा में यात्रा करने की भी मनाही की जाती है. इस दौरान यदि किसी की मृत्‍यु हो जाए तो शव का अंतिम संस्‍कार करते समय 5 नारियल भी प्रतीकात्‍मक तौर पर जलाए जाते हैं, ताकि परिवार पर कोई मुसीबत न आए और पंचक दोष दूर हो जाए।

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