'आज का सेहत'
बीपी और शुगर के मरीज हो जाएं अलर्ट, इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत करें डाक्टर से संपर्क
बदलते मौसम में बीपी और शुगर के मरीज रहें सावधान
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
कड़ाके की ठंड से गत एक माह से लगातार बीपी और शुगर स्तर अनियंत्रित है। हर दिनों दर्जनों मरीज दवा लेने के बावजूद शुगर व बीपी स्तर बढ़े होने की समस्या लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डाक्टर आवश्यक जांच कराने के बाद दवाओं की शक्ति बढ़ा रहे हैं। साथ ही रोगियों को होली के आसपास एक बार पुन: जांच करा दवाएं एडजस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं। इसका कारण है कि जैसे ही गर्मी बढ़ेगी पसीना निकलने के साथ बीपी और शुगर का स्तर स्वत: कुछ कम हो जाएगा। ऐसे में दवाओं की शक्ति कम नहीं करने से हाइपोग्लाइसीमिया यानी चीनी का स्तर कम होने से रोगियों की हालत गंभीर हो सकती है।
कई तरह के हो सकते हैं दुष्प्रभाव
इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल न्यू गार्डिनर के विशेषज्ञ डा. अजय कुमार ने बताया कि आजकल जो शुगर रोगी आ रहे हैं, उनमें से 50 प्रतिशत की समस्या दवा लेने के बावजूद शुगर व बीपी स्तर नियंत्रित नहीं रहना है। ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए रक्त नलिकाएं कुछ सख्त होने के साथ सिकुड़ जाती हैं। इससे हृदय को रक्त संचार के लिए अधिक पंप करना पड़ता है और बीपी बढऩे लगता है। इसके अलावा मधुमेह का स्तर खासकर सुबह के समय बढऩे लगता है। इनका कारण मौसम के साथ हमारी बदली जीवनशैली होती है। प्यास कम लगने के कारण लोग पानी कम पीते हैं, इससे शरीर का मेटाबालिज्म गड़बड़ा जाता है। बढ़ती उम्र के साथ इसके दुष्प्रभावों की गंभीरता कम या ज्यादा होती है।
गुनगुना पानी का करें सेवन
ठंड के मौसम में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप व हृदय रोगियों को गुनगुना पानी पीते रहना चाहिए। इससे उन्हें सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या कम होगी। साथ ही धूप निकलने के बाद टहलने व योगा से शरीर और मन चुस्त रहता है। ठंड में ज्यादा मसालेदार भोजन से बचना चाहिए ताकि कब्ज व एसिडिटी से बच सकें । डायबिटीज के मरीज और 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को इस मौसम में कोलेस्ट्राल या लिपिड प्रोफाइल जरूर कराना चाहिए।
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