चोर चाहकर भी ट्रेन से पंखे चोरी क्यों नहीं करना चाहते? जानिए इसके पीछे के रोचक तथ्य
'हमसफर मित्र न्यूज'
पुराने जमाने में रेल यात्रा के दौरान लोग ट्रेन को सरकारी संपत्ति नहीं बल्कि अपनी संपत्ति मानते थे। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि लोग पहले यात्रा के बाद ट्रेन से पंखे, बल्ब आदि भी उखाड़कर अपने घर लेकर चले जाते थे। पहले के समय में ट्रेनों से पंखे चोरी हो जाना आम बात थी। ऐसे में भारतीय रेलवे ने ट्रेन से पंखों की चोरी रोकने के लिए अपना ऐसा दिमाग दौड़ाया कि चोर चाहकर भी पंखे की चोरी नहीं कर पाते।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर रेलवे ने ऐसा क्या किया कि चोर पंखे नहीं चुरा सकते। दरअसल, चोर तो कुछ भी चोरी कर सकते है, लेकिन रेलवे के एक कदम के बाद वह चोरी नहीं करना चाहते। आइए जानते हैं रेलवे की इस खास ट्रिक के बारे में।
कोच से बाहर निकालने पर हो जाते हैं कबाड़
दरअसल, रेलवे ने चोरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपना दिमाग दौड़ाया और पंखों को कुछ इस तरह से डिजाइन किया कि वह घरों में चल ही नहीं सकते। ये पंखे तब तक ही पंखे हैं जब तक इन्हें कोच में लगाया जाता है। अगर इन्हें कोच से बाहर निकाल दिया जाए तो ये कबाड़ हो जाते हैं।
घरों में हम दो तरह की बिजली का इस्तेमाल करते हैं
गौरतलब है कि हमारे घरों में दो तरह की बिजली इस्तेमाल होती है। 1) AC, 2) DC । अगर आप घर में AC बिजली का इस्तेमाल करते हैं तो इसका अधिकतम पावर 220 वोल्ट होती है। वहीं यदि आप अपने घर में DC बिजली का उपयोग करते हैं, तो यह 5, 12 या 24 वोल्ट होती है। जबकि ट्रेनों में लगाए जाने वाले पंखों को 110 वोल्ट का बनाया जाता है, जो सिर्फ DC से चलता है।
इस कारण घर में ट्रेन का पंखा नहीं चलता
वहीं घरों में इस्तेमाल होने वाली DC बिजली 5,12 या 24 वोल्ट से अधिक नहीं होती, ऐसे में आप इन पंखों को अपने घरों में इस्तेमाल नहीं कर सकते।इसलिए, ट्रेन में लगाए जाने वाले पंखे सिर्फ ट्रेन में ही चल सकते हैं। इसे ट्रेन से बाहर नहीं चलाया जा सकता इसलिए ये कोच से बाहर निकलने के बाद कबाड़ हो जाते हैं।
पकड़े जाने पर 7 साल तक की कैद
बता दें कि ट्रेन में चोरी करना एक कानून अपराध है। आईपीसी की धारा 380 के तरह इसमें मुकदमा दर्ज किया जाता है। अगर आप इसके तहत दोषी पाए जाते हैं तो आपको 3 से लेकर 7 साल तक की कैद हो सकती है। साथ ही आपको ज्लदी जमानत भी नहीं मिलती है।
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