कांग्रेस संगठन में परिवर्तन नजर आया, वाणी राव प्रदेश उपाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष पर विजय पांडे को बनाया
बिलासपुर से 'गौतम बोन्दरे' की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिलासपुर। कांग्रेस एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने जिस तरह से संगठन में फेरबदल किया उससे सर्वाधिक प्रभावित बिलासपुर संभाग हुआ। बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा के शहर अध्यक्ष बदल दिए गए। बिलासपुर में विजय पांडे ने प्रमोद नायक को रिप्लेस किया, जांजगीर में रागवेंद्र सिंह ने चोलेश्वर को रिप्लेस किया तथा सुरेंद्र जयसवाल कोरबा ग्रामीण के अध्यक्ष बनाए गए । जनरल सेक्रेटरी द्वारा किए गए फेरबदल का सबसे बड़ा झटका बिलासपुर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को लगा उसके स्थान पर वाणी राव को प्रदेश के चार उपाध्यक्षों में से एक पद मिला उनके अतिरिक्त पी आर खुटे, अंबिका, मरकाम, अरुण सिंघानिया प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिस तरह का बदलाव हुआ उससे बिलासपुर में कांग्रेस की राजनीति में नये समीकरण उभरे हैं ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला इसी तरह चला तो जिला ग्रामीण अध्यक्ष पद से विजय केसरवानी की छुट्टी तय है क्योंकि अभी वह वार्ड नंबर 53 से पार्षद भी हैं और एमआईसी सदस्य भी हैं। शहर पद पर प्रमोद नायक की विदाई तय थी किंतु शहर विधायक शैलेश पांडे के विरुद्ध 6 साल की पार्टी के निष्कासन का प्रस्ताव एआईसीसी और पीसीसी के पास भेजना उन्हें ज्यादा भारी पड़ गया और इस बार शहर अध्यक्ष के लिए बेहद परिपक्व अनुभवी विजय पांडे की नियुक्ति की गई है वह पूर्व में भी शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं जिन वर्षों में विजय पांडे शहर अध्यक्ष हुआ करते थे उसी समय स्थानीय निकाय चुनाव में नगर निगम महापौर चुनाव के लिए वाणी राव को कांग्रेस ने अपना टिकट दिया था तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और बिलासपुर में अमर अग्रवाल ना केवल स्थानीय निकाय मंत्री थे साथ में वृत्त तथा आबकारी विभाग भी उन्हीं के पास था। उन्होंने महापौर पद के लिए अशोक पिंगले पूर्व महापौर की बहन को टिकट दिलाया था किंतु सत्ता में रहते हुए भी बीजेपी का प्रत्याशी महापौर चुनाव नहीं जीत सका तब ऐसा माना जाता था कि शहर अध्यक्ष विजय पांडे और वाणी राव की सधी हुई राजनीति ने अमर अग्रवाल को शिकस्त दी थी वाणी राव को काफी दिनों बाद पीसीसी में बड़ा पद मिला है इसके पूर्व वे महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी है । राजनीतिक दृष्टि से वे सीएम खेमे कि नहीं मानी जाती इस बार के फेरबदल से यह संकेत भी गया है कि शहर के निर्वाचित विधायक को संगठन को साथ लेकर चलना ही होगा शहर विधायक का विरोध नरेंद्र बोलर, प्रमोद नायक, तैयब हुसैन सभी को भारी पड़ा ।
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