युद्धवीर सिंह जूदेव का अंतिम संस्कार व जशपुर में उनकी अंतिम यात्रा बुधवार को और शोक में डूबा जशपुर, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर लोगों ने दी श्रद्धांजलि - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Monday, September 20, 2021

 

युद्धवीर सिंह जूदेव का अंतिम संस्कार व जशपुर में उनकी अंतिम यात्रा बुधवार को और शोक में डूबा जशपुर, व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद कर लोगों ने दी श्रद्धांजलि

गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट 

'हमसफर मित्र न्यूज' 






जशपुरनगर:- पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र, प्रदेश के पूर्व संसदीय सचिव  युद्धवीर सिंह जूदेव छोटू बाबा का सोमवार सुबह बेंगलोर में निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थल विजय विहार पैलेश  जशपुर से मुक्ति धाम के लिए बुधवार दिनाँक  22 सितम्बर को दिन के 11 बजे निकलेगी। परिवार में आई इस विपदा से श्रीमती माधवी सिंह जूदेव, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, कुमार शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित सभी शोक में डूबे हैं, परिजनों ने यह जानकारी दी है। युद्धवीर सिंह जूदेव के निधन की खबर सोमवार सुबह सोशल मीडिया में आग की तरह फैली और लोग शोक में डूब गया जिसके बाद जशपुर वासियों ने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर अपनी श्रद्धांजलि प्रकट की।


आपको बता दे कि हमारे छत्तीसगढ़ के तेजतर्रार और बेबाकी के लिए बहुचर्चित नेतृत्व युद्धवीर सिंह जूदेव अब नहीं रहे। युद्धवीर सिंह जूदेव का दुखद निधन हो गया। वे कुछ दिनों से लीवर की समस्या को लेकर परेशान थे और उनका इलाज चल रहा था। आखरी समय में उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन उन्हें बचाने में चिकित्सक सफल नहीं रहे। अंततः युद्धवीर सिंह जूदेव जिंदगी की जंग हार गए।  युद्धवीर सिंह जूदेव के निधन की खबर से लोग सदमे में हैं। युद्धवीर सिंह जूदेव बेबाक बोल के लिए विपक्ष में रहते हुए भी चर्चित रहे। वहीं सत्ता में कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भी अपने राजनीतिक जीवन में विशिष्ट पहचान स्थापित की थी। बहुत ही कम उम्र में जिला पंचायत उपाध्यक्ष से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी, जिसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद दो बार चंद्रपुर से भाजपा के टिकिट पर दो बार विधायक रहे और संसदीय सचिव पहले विधायक कार्यकाल में और दूसरे विधायक काल मे बेवरेज कारपोरेशन के अध्यक्ष रहे। इसके बाद विपक्ष में रहते हुए भी वहा निडर हो कर हर एक मुद्दे पर वे बोलते रहे।


अपने जीवन के अंतिम समय में अस्वस्थ रहते हुए भी उन्होंने अपना कर्तव्य से पीछे नहीं रहे व भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को लेकर मीडिया और  सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाते रहे। युद्धवीर सिंह के लिए निधन से छत्तीसगढ़ की राजनीतिक समीकरणों में खासा प्रभाव पड़ेगा। वह एक ऐसे नेता थे जो हर एक बड़े निर्णय में बिना किसी के सहारे बेबाकी से आगे बढ़ते रहे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।


जीवन के आखिरी पड़ाव में उन्होंने बहुजन हिंदू परिषद की कमान संभाली और हिंदुत्व के लिए जहां बेबाकी से बोलते रहे वहीं भ्रष्टाचार तथा शासन प्रशासन की अनियमितताओं को लेकर तथा राज्य की ज्वलन्त समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करते रहे, जिसके बाद अल्पायु में ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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