पेड़ काटने के लिए बनाया गया सख्त कानून
इन 29 प्रकार के पेड़ कटवाने के लिए लेना होगा अनुमति
पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिलासपुरः पेड़ काटने के लिए सख्त कानून बनाया गया है। नए नियम के तहत पीपल, बरगद सहित 29 प्रकार के पेड़ों को कटवाने के लिए अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही एक पेड़ काटने पर 10 पेड़ लगाने के लिए अनुबंध पत्र देना होगा, तभी व्यक्ति पेड़ को कटवा सकेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है। बड़े पैमाने पर पौधरोपण करके प्रदेश को हराभरा बनाने के क्षेत्र में काम कर रही है। और पौधरोपण को बढ़ावा दे रही है। पर्यावरण संरक्षण हो सके, लिहाजा पेड़ काटे जाने के लिए नियम को और सख्त बना दिया है। नए नियम के तहत एक पेड़ कटवाने के पहले 10 पेड़ लगाने के लिए अनुबंधित कर दिया है। नए नियम के तहत शासन ने 29 प्रकार के पेड़ को काटने पर अनुमति लेने के लिए अनिवार्य कर दिया है। इसमें पीपल बरगद, सहित कई प्रकार के पेड़ शामिल किए गए हैं। साथ ही चेतावनी दी गई कि बिना अनुमति के पेड़ काटने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में शासन स्तर से पत्र जारी भी कर चुका है। नए नियम के तहत अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के पेड़ काटे जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चकरभाठा थाना में पदस्थ महिला पुलिस आरक्षक दुर्गा रेडियो आफिस बिलासपुर के साथ सटे हनुमान मंदिर के पास स्थित क्वाटर मे रह रही ने तीस साल पुरानी बड वृक्ष और बडा एक आम फलदार वृक्ष को बिना अनुमति के निर्ममतापूर्वक कटवा दिया यह पुलिस लाईन रक्षित निरिक्षक केंद्र की घटना है।जब पर्यावरण को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था की है वही कानून के रखवाले ही कानून की धज्जियां उडा रहे हैं पुलिस लाईन की कंडम घर का आबंटन ऊपर से आरक्षक स्वयं करा रहे कंडम घर का नवनिर्माण, पुलिस कप्तान को इसकी भनक भी नहीं।
हरेभरे विशाल एवं फलदार आम के वृक्ष को बिना किसी अनुमति के कानून के रखवाले द्वारा कटवा दिया गया जबकि पर्यावरण को बचाने के लिए पेडों को काटने की साफ मनाही है।खासकर ऐसे मे पीपल, बड,आम जो आक्सीजन देने वाले माना जाता है।
ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना और किसी भी वृक्ष को नुकसान न पहुचाना हमारे देश की गौरवशाली परंपरा का अटूट अंग रहा है।इस विषय मे पुलिस कप्तान को कार्रवाई करना चाहिए और मामले को गंभीरता से लेते हुए ठोस पहल चाहिए।
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