शहर में वट सावित्री पूजा बड़ी उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही सुहाग्नि वट वृक्ष के नीचे 108 फेरे कर पूजा अर्चना की है। और अपने पति की दीर्घायु की कामना की।
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिलासपुर, 10 जून गुरुवार। हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिनें अपने अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था। खास बात यह है कि वट सावित्री व्रत के दिन वृषभ राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध और राहु विराजमान रहेंगे। इस दिन वृषभ राशि में चतुर्ग्रही योग बनना बेहद खास माना जा रहा है। चार ग्रहों के एक राशि में होने पर चतुर्ग्रही योग बनता है। मान्यता है कि इस योग से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसी कड़ी में महिलाएं सोलह सृंगार कर बरगद पेड़ के नीचे 108 फेरे लेकर सावित्री-सत्यवान की पूजा कर देवी सावित्री से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मांगी।
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