'छत्तीसगढ़ी कविता'
गांव के आदमी
'हमसफर मित्र न्यूज'
गाँव के आदमी बड़े बिहनिया
महुआ बीने जावत हे।🤓
शहर के आदमी लॉकडाउन म
घुसरे घुसरे अकबकावत हे।🥸
गाँव म मुनगा भाजी सब घर
आयरन ल बढ़ावत हे..🥬🥬
शहर म सोयाबीन बड़ी ल
आंटी रोज डबकावत हे....🤪🤪
सब के धंधा लॉकडाउन हे,
एक रुपया नई कमावत हे😔😔
एक अकेल्ला मेडिकल वाला
मेछा ल अंटियावत हे..||🧐🧐
वो गुपचुप के ठेला,
वो समोसा वो होटल🥘🥟🍜
वो डिस्पोजल वो चखना ,
वो भट्ठी के अद्धी बोतल🥃
रहि रहि के सुरता आवत हे ,
दिक्कत नई हे गाँव म संगी
महुआ के धार बोहावत हे🍻
बायलर मुर्गा फ़ोकट म बदनाम,
140 ले गिर के 20 रुपया दाम🐔🍗
तभो ले खरीदने वाला नई भेंटावत हे..
आदमी ल मारत हे कोरोना
अउ मुर्गा के जिनगी बचावत हे🐔🐣
सही समय म वो लॉकडाउन के आर्डर ,🚷
सही समय म वो सील करना बॉर्डर🚫
धीरे धीरे कोरोना छत्तीसगढ़ ले नंदावत हे
भाग भाग रे भाग कोरोना
छत्तीसगढ़ तोला जड़ से मिटावत हे 🥳
जय जोहर संगवारी हो.... 🙏
चन्द्रशेखर तिवारी... बिल्हा
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