9 दिन में ससुर समेत परिवार के तीन लोगों की कोरोना ने ली जान, आंसू पोछे और मरीजों की सेवा में लगी रही नर्स पूनम
जांजगीर जिले के अकलतरा में काम कर रही पूनम के जज्बे की कहानी
पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
जांजगीर जिले के अकलतरा में एक नर्स ऐसी है, जिसका जज्बा दिलों में विश्वास पैदा करता है। अपने काम के प्रति इनकी गंभीरता लोगों को ये महसूस कराती है कि जब तब इस नर्स जैसे सेवाभावी लोग हैं, कोरोना से जारी इस जंग में जीत हमारी ही होगी। जिले के अकलतरा इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नरियरा में नर्स पूनम पटेल काम करती हैं।
9 मई से 17 मई इन 9 दिनों में इस नर्स के परिवार में जो कुछ घटा वो अच्छे भले इंसान को अंदर से तोड़कर रख देता। मगर दूसरों की मदद करने का भाव और कोरोना के इस संकट काल में फर्ज की अहमियत कोई पूनम से सीखे। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में संविदा पर नौकरी करने वाली पूनम की ननद ममता पटेल और भाभी चम्पा पटेल की एक ही दिन 9 मई को मौत हो गई। एक ही छत के नीचे जिनके साथ रहती थीं ऐसे पिता समान ससुर कोमल प्रसाद पटेल की 17 मई को दुनिया को अलविदा कह गए। परिवार के ये तीनों अहम सदस्य कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। संक्रमण के जाल में इनकी जिंदगी ऐसी फंसी कि बाहर न निकल सकी और तीनों की ही इलाज के दौरान मौत हो गई। जब पूनम के परिजनों की एक के बाद एक मौत की खबरें आईं, पूनम अपनी कोविड ड्यूटी पर तैनात थीं। वो फोन पर सभी घरवालों से बात कर रही थीं। पूनम ने बताया कि ननद, भाभी और बिलासपुर के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था। ससुर को इलाज के लिए जांजगीर के ही कोविड अस्पताल में लाया गया।
पूनम पटेल से जब पूछा कि परिवार में कोरोना से हुई इस त्रासदी के बाद कोविड ड्यूटी को लेकर क्या सोचती हैं, पूनम ने जवाब दिया कि ड्यूटी तो करनी ही है सर, घर पर माहौल गमगीन है। हम सभी दुखी हैं मगर मुझपर अपने अस्पताल के मरीजों का भी जिम्मा है, उनका भी परिवार है। इस बीमारी ने हमारा बहुत कुछ छीन लिया, मैं नहीं चाहती की दूसरों को भी ऐसी तकलीफ हो। मैं अपना काम अच्छी तरह करूं। सेंटर पर मैं ओपीडी, डिलीवरी, वैक्सीनेशन का काम कर रही हूं। 2 साल का बेटा भी है उसे भी कई बार वक्त नहीं दे पाती परिवार के दूसरे लोग उसे देखते हैं।
हमारा गर्व है पूनम
वैक्सीनेशन और मरीजों की देखभाल का काम संभाल रही पूनम सेंटर पर आने वाले ग्रामीण खासकर बुजुर्गों को उनकी सेहत के प्रति जागरुक भी कर रही है। उनकी सेहत से जुड़ी अपडेट लेकर डॉक्टर्स की मदद से उन्हें जरूरी दवाएं देती हैं और प्रोटोकॉल का पालन करना सिखाती हैं। जांजगीर कलेक्टर यशवंत कुमार ने पूनम का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि ऐसे स्टाफ पर हमें गर्व है। ऐसे सेवाभावी स्वास्थ्यकर्मी हमारे जिले में लोगों के बीच हैं मैं इसे सौभाग्य मानता हूं।
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