मस्तुरी ब्लॉक के ग्राम पंचायत लिमतरा मे फर्जी तरीके से शौचालय निर्माण शिकायत पर पहुंची जांच टीम
मस्तूरी से पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'।
मस्तूरी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण लिमतरा सरपंच फुलचंद के द्वारा गलत जगह पर फर्जी तरीक़े से निर्माण जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कि जिस संज्ञान लेते हुए ग्राम लिमतरा मे तहसीलदार व उनके टीम मौके पर जा कर जांच की।ग्रामीणों से इस संबंध में पुछताछ की गई वहीं शिकायतकर्ताओं ने ग्राम पंचायत के सरपंच फुलचंद बंजारे पर गलत जगह शौचालय निर्माण करना बताया गया और ग्रामीणों से गुंडागर्दी बरतने का आरोप लगाया तथा दोषी सरपंच पर कार्यवाही की मांग की गई।
जिस जगह को शौचालय बनाने की सहमति दी नहीं फिर सरपंच ने दिखाई अपनी मनमानी शौचालय निर्माण के लिए न तो ग्रामसभा में सहमति ली गई और न ही इसके लिए ग्रामीणों से कुछ चर्चा की ऐसा ग्रामीणों का कहना है।
सरपंच और रोजगार सहायक द्वारा मनमानी करते शौचालय निर्माण कराए जाने को लेकर अनियमितता व उनके दबंगई से ग्रामीण सरपंच फुलचंद बंजारे को हटाने की मांग कर रहे हैं।
अपनी दबंगई दादागिरी व मनमानी रवैये के कारण सरपंच फुलचंद बंजारे पर कई आरोप भी लग चुके हैं, जैसे कि खुद बेजा कब्जा कर घर बनाए जाना,ग्राम पंचायत के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कार्यों की जानकारी न देना, पंचो को साथ में लेकर न चलना, किसी भी ग्रामीण जनता के साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार करना, सरपंच द्वारा ग्रामसभा का बैठक नही करना फर्जी प्रस्ताव दिया जाना सिर्फ अपने चंद लोगों को बुलाकर खानापूर्ति के लिए ग्रामसभा रखकर फर्जी प्रस्ताव बनाया जाता है सरपंच द्वारा दादागिरी कर लोगों को चुप करा कर ग्रामवासियों के बिना जानकारी के ग्रामसभा कर फर्जी प्रस्ताव बनाया जाता है।यहां यह बतलाना लाजमी होगा कि सरकार के आदेशों का पालन देखने को नही मिल रहा है यहां अधिकतर सरपंच का दबंगई चल रहा है,अपना खुद का कानून चलाया जा रहा है।
तहसीलदार से भी नही मिली अनुमति गौरतलब है कि जहाँ तहसीलदार ने रोक लगा दिया स्टेआर्डर भेजा इसके बाद भी सरपंच ने मनमानी करते हुए उस जगह मे ही शौचालय निर्माण शुरू करवा दिया रोजगार सहायक और मनरेगा के अधिकारी ने भी इस मामले पर कोई पहल नहीं किया जो समझ से परे है।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि इस विषय पर ग्राम लिमतरा के कुछ ग्रामीणों ने आकर लिखित शिकायत किए हैं जहां स्थल में जा कर जांच की गई और शौचालय निर्माण में रोक लगा दी गई है अगर जबरन निर्माण किया जाता है तो उस पर एफआईआर कर कार्रवाई की जाएगी।
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