भगवती पार्वती मां डिडिनेश्वरी व कल्पकेदारेश्वर भगवान पातालेश्वर के पावन नगरी मल्हार पर श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन
मल्हार से पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'।
मल्हार में श्री रविशंकर तिवारी जी के निवास मे स्व श्रीमति लक्ष्मीन बाई तिवारी के स्मृति मे श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है, कथाकार व्यासजी पं.उमाशंकर शर्मा जी कमरीद चांपा वाले ।
धार्मिक नगरी में यह आयोजन 28फरवरी से 08 मार्च तक चलेगा। यह धार्मिक उत्सव स्वयं को जानने और मन के सारे संतापों को दूर करने का एक सुअवसर है। तो मां डिडिनेश्वरी भगवान शिव की नगरी में जाकर धार्मिक यात्रा और श्रीमद्भागवत कथा का लाभ प्राप्त करें…
भागवतम् पुराण तथा भागवत कथा
सनातन धर्म के 18 पवित्र पुराण हैं, जिनमें एक भागवत् पुराण भी है। इसे श्रीमद्भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। यह जगत के पालक श्रीविष्णुजी के धरती पर लिए गए 24 अवतारों के साथ उस दौरान उनके जीवन की कथा का भावपूर्ण वर्णन है। 12 खंडों के इस ग्रंथ में 335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक हैं। इसके 10वें अध्याय में श्रीकृष्ण का जीवन सार कुछ इस प्रकार वर्णित है कि यह समस्त प्राणियों के लिए सांसारिक जीवन जीते हुए ज्ञान तथा मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है।
श्रीमद्भागवत कथा जीवन-चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करता है, आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं तथा सांसारिक दुख, लोभ-मोह- क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए नश्वर ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा से साक्षात्कार कराता है।
भागवत कथा का आयोजन करने तथा सुनने के अनेक लाभ प्राप्त मिलता है।
विनीतः
श्रीमति पुष्पा-श्री रविशंकर तिवारी(पूर्व प्रधान पाठक)
स्वगतोउत्सुकः
युगल किशोर तिवारी- श्रीमतिअपर्णा ,डाक्टर पूर्णेन्द्र तिवारी-डाक्टर निधि तिवारी,मनोज पान्डेय-रश्मि पान्डेय।
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