एक करोड़पति भिखारी जो मंदिर के बाहर भीख मांगता है, जानिए क्या है कारण... - HUMSAFAR MITRA NEWS

Advertisment

Advertisment
Sarkar Online Center

Breaking

Followers


Youtube

Wednesday, March 3, 2021



 एक करोड़पति भिखारी जो मंदिर के बाहर भीख मांगता है, जानिए क्या है कारण 

'हमसफर मित्र न्यूज'। 


इंदौर.पहले ग्वालियर और अब इंदौर.ग्वालियर में पिछले दिनों एक पूर्व पुलिस अफसर फुटपाथ पर भीख मांगता मिला था.अब इंदौर में एक ऐसा भिखारी मिला जो खुद करोड़पति है लेकिन नशे की लत ने उसे इस हाल में पहुंचा दिया.वो मंदिर के बाहर भीख मांगता था.लेकिन शहर में चले भिखारी मुक्त अभियान ने उसका पता ठिकाना और परिवार ढूंढ़ निकाला। 

नशे से नाश की तरफ बढ़ने का पूरा मामला इंदौर का है.शहर को बैगर फ्री सिटी बनाने की मुहिम शुरू की गयी है.उसी के तहत यहां बीते दिनों निराश्रित वृद्ध और भिक्षुक लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र खोला गया था.शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक शिविर लगाया गया.उसमें शहर के अलग-अलग इलाकों से भिखारियों को रेस्क्यू कर पुनर्वास केंद्र शिफ्ट किया गया था. यहां उन्हें दोनों समय स्वादिष्ट भोजन के साथ ही चाय नाश्ता और ज्यूस दिया जा रहा है. हेल्थ चैकअप कर जिसे जैसी ज़रूरत थी उसे वो मुहैया कराया गया. जो युवा हैं और कुछ काम धंधा कर सकते हैं उनके लिए अलग व्यवस्था की जा रही है.यह तय किया गया कि ऐसे लोगों की तलाश की जाये जिनके परिवार हैं.जिन लोगों का पता ठिकाना मिला उनका परिवार खोजा गया.ऐसे ही एक भिखारी के बताए पते को ढूंढ़ते हुए जब NGO के सदस्य उसके घर पहुंचे तो घर-परिवार देखकर भौंचक रह गए। 

भिखारी का आलीशान बंगला

बीते दिनों एनजीओ ने किला मैदान इलाके में कालका माता मंदिर के पास से रमेश नामक बुजुर्ग भिक्षुक को रेस्क्यू किया था.रमेश के बताए पते पर जब एनजीओ के सदस्य पहुंचे तो पता चला कि ये तो खुद ही करोड़पति है.उनके पास खुद का बंगला और प्लॉट है. बंगले में आलीशान साज सज्जा के साथ तमाम भौतिक सुविधाएं भी हैं। 

परिवार ने साथ छोड़ा

एनजीओ के सदस्यों ने जब परिवार के सदस्यों से सम्पर्क किया तो पता चला कि रमेश ने शादी नहीं की थी.उनके साथ उनके भाई भतीजे रहते थे.रमेश को शराब की लत लग गई थी.शुरुआती समय में तो परिवार के सदस्यों ने समझाने की कोशिश की लेकिन जब रमेश नहीं सुधरे तो परिवार ने उनसे किनारा कर लिया.उसके बाद से रमेश सड़कों पर भिखारी बनकर भटक रहे हैं। 

परिवार ने रखी शर्त

रमेश के परिवार ने उनकी पहचान कर ली है.लेकिन अभी भी वो रमेश को साथ रखने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने एनजीओ के सदस्यों को यह वचन पत्र जरूर सौंप दिया है कि यदि रमेश शराब छोड़ देंगे तो वो अपने साथ रख लेंगे। 

शिविर में काउंसलिंग

एनजीओ की सदस्य रुपाली के मुताबिक़ कुछ समय पहले किला मैदान इलाके से रमेश यादव नामक बुजुर्ग को शिविर में लाया गया था.उनका परिवार और बंगला सब है. वह पारिवारिक तौर पर सक्षम हैं.फिलहाल उनकी काउंसलिंग की जा रही है. अभी उन्होंने शराब छोड़ने का आश्वासन दिया है।


No comments:

Post a Comment