कविता - रास्ट्रपिता बापू - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Friday, October 2, 2020



  कविता - राष्ट्रपिता बापू

    कवि - परमानंद निषाद 

'हमसफर मित्र न्यूज'। 

नाम आपका सदा अमर है,

सूरज की संतान हो बापू ,

राष्ट्रपिता तुम कहलाते हो,

सभी प्यार से कहते बापू ,

कही ना हिम्मत हारे बापू ,

भारत के उजियारे बापू ,

कल्पना मे भी उऋण हो,

जन-गण-मन साकार करो,

आओ बापू , आओ फिर से,

हम सबका उद्धार करो,

एक लाठी के दम पर तुमने,

अंग्रेजो की जड़े हिलाई,

हमे स्वतंत्र भारत दिया था,

तुम स्वच्छ भारत दे जाओ,

बिना हथियार लड़े हो बापू ,

फिर भी हार गया शैतान,

भले मत कहो इसे गांधी जयंती,

इसे स्वच्छ भारत का आवरण चढ़ाओ,

हे बापू तुमको मेरा प्रणाम,

हे बापू तुमको मेरा प्रणाम,।।

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