शिक्षा, संगठन व संघर्ष की मिसाल : मस्तूरी के मानिकचौरी में बिना सरकारी अनुदान निजी जमीन खरीदकर कर रहे गुरु घासीदास भवन का निर्माण |
मस्तुरी से नागेंद्र टंडन की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'।
मस्तूरी | सतनामी समाज ने आपसी सहयोग व सामंजस्य की बड़ी मिसाल पेश की है। समान्यत: सामाजिक भवन बनाने के लिए अनुदान अथवा सरकारी सहयोग की अपेक्षा करते हैं जिससे उनके सामाजिक भवन का निर्माण हो सके। किन्तु बिलासपुर जिला अंतर्गत आने वाले मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम मानिकचौरी में सतनामी समाज के लोगों ने आपसी सहयोग के द्वारा चंदा की राशि से निजी जमीन खरीदा और परम पूज्य गुरु घासीदास जी के नाम पर सामाजिक भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। सतनामी समाज की इस एकजुटता व सामंजस्य को देखकर लोग दांतों तले अंगुली दबा रहे हैं। गुरु घासीदास बाबा के नाम पर भवन स्थापित करने सहित अन्य कामों में भी समाज के लोगों की भागीदारी देखते ही बनती है। मस्तूरी ब्लॉक का छोटा सा गांव मानिकचौरी अपने बुलंद इरादों को लेकर सुर्खियों में है। इन्हें देखकर दूसरे समाज के लोग भी अब प्रेरणा ले रहे हैं।
गुरु घासीदास भवन का भूमिपूजन के दौरान मुख्य अतिथि के रुप में श्रीमती किरण संतोष यादव जिला पंचायत सदस्य बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि के रुप में रमायण साहू सरपंच, ग्रापं मानिकचौरी वार्ड पंच प्रदुम बंजारे, वार्ड पंच श्रीमती सविता सोनी, लक्ष्मण चतुर्वेदी, दिलीप बंजारे, दसेराम सोनी, मंगलचंद चतुरदानी, धनतेरस कोशले, इंदल कोसले, नैनदास हिरवानी, राजु जांगड़े, प्रभाकर बंजारे, रामकृपाल बंजारे, मुन्ना पात्रे, ओंकार कोशले, ओंमबप्रकाश जोशी, मदन मनहरे, बिहारी हिरवानी, मनोज जांगड़े, कुवर सिंह टण्डन एवं समस्त ग्रामीण उपस्थित थे।
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