कर्ज लेना पड़े तो लेंगे पर किसानों को भूखा नहीं रखेंगे - बघेल - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Friday, August 28, 2020

 

विधानसभा में बजट पर चर्चा:भूपेश बोले- कर्ज लेना पड़े तो लेंगे पर किसी किसान को भूखा नहीं मरने देंगे।

पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट 


'हमसफर मित्र न्यूज'। 

रायपुर : 28 अगस्त। विधानसभा में 3807 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पारित सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी हम किसानों की आर्थिक स्थिति को बिगड़ने नहीं दे रहे हैं। दो किस्त दे चुके हैं और बाकी किस्त भी देंगे। कर्ज करना पड़े तो हम कर्ज करेंगे, लेकिन किसानों को भूखा नहीं मरने देंगे, फांसी पर नहीं लटकने देंगे। बघेल ने कहा कि आपकी नजर में विकास का पैमाना सड़कें और बिल्डिंग हो सकती हैं, लेकिन हमारी नजर में विकास का पैमाना किसान, आदिवासियों और महिलाओं का उत्थान है। हमारी वचनबद्धता किसानों के प्रति है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हम किसानों को पैसा देकर अहसान नहीं कर रहे हैं। 

विधानसभा में 3807 करोड़ का अनुपूरक बजट पास हुआ। इस पर चर्चा का जबाव देते हुए सीएम बघेल ने कहा कि जब हम 2003 में सरकार से गए तब खजानेे में चार सौ करोड़ थे। जब 15 साल बाद सरकार में आए तब 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। आपने किसानों को न बोनस दिया, न ही 21 सौ में धान खरीदी। सीएम ने कहा कि आपने नई राजधानी के लिए कर्ज लिया। स्काई वाॅक के लिया। बार-बार बनाने और तोड़ने के लिए कर्जा लिया। सीएम ने कहा कि पांच महीने बाद भी केंद्र सरकार ने जीएसटी की फूटी कौड़ी भी नहीं दी। यदि ये पैसा आ जाता तो हमें कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती। कोरोना ने पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर दिया। हमारी रोजी-रोटी छिन गई। उद्योग, रेलमार्ग, ट्रांसपोर्ट बंद हो गया। ऐसे समय में कह सकता हूं कि हमने गांधी, कबीर, गुरुनानक, विवेकानंद, भगत सिंह, अंबेडकर की सेवाभाव को अपनाया। हमने गांधी, गांव और गाय को अपनाया। संकट की घड़ी में सामाजिक संगठन सामने आए और शहरों-गांवों में राशन पहुंचाने के साथ सभी प्रकार की मदद की। हर विभाग के लोगों ने 24 घंटे पूरी जिम्मेदारी के साथ काम किया।

जब आप ताली बजवा रहे थे, तब हम राशन बांट रहे थे : सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना योद्धा की बात ही है तो निश्चित रूप से उन्होंने ऐसा काम किया है, क्योंकि जिस समय आप ताली बजवा रहे थे, तब हमारे खाद्यमंत्री 56 लाख परिवारों के लिए राशन बंटवा रहे थे। जब आप थाली बजवा रहे थे, तब हमारे महिला बाल विकास मंत्री सूखा राशन कैसे पहुंचे इसकी व्यवस्था करवा रहे थे। जब आप मोमबत्ती जलवा रहे थे तब कृषि और परिवहन मंत्री गांव की बाड़ी से सब्जी शहर कैसे पहुंचे इसकी व्यवस्था करवा रहे थे। जब लॉकडाउन की खुशी में डांस कर रहे थे, तब हमारे पंचायत मंत्री मनरेगा का काम शुरू करवा रहे थे। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों के माध्यम से हम 21 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रहे हैं। सीएम ने कहा कि कोरोना काल में हमने उद्योगों को बंद नहीं हाेने दिया। जिस मनरेगा को आपके नेता ने कांग्रेस की असफलता का स्मारक बताया, वही आज देशभर में लोगों को रोजगार दे रहा है। केंद्र सरकार किसानों को पांच सौ रुपए दे रही है, लेकिन हमारे यहां के किसान जिनके पास जमीन नहीं है, वह भी गोबर बेचकर 800 रुपए कमा रहा है।

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