कच्चे प्याज के 10 औषधिय गुण - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Monday, August 24, 2020

 

कच्चे प्याज का ढेर सारे औषधिय गुण

जानिए इसके 10 फायदे 

'हमसफर मित्र न्यूज'। 

   प्याज को हम सब्जी में अथवा कच्चे में इस्तेमाल करते हैं। कच्चा प्याज में अनेकों गुण होते हैं जो हमारे सेहत के लिए उपकारी है। प्याज को काटकर घर में रखने से घर अंदर मौजूद सारे बैक्टीरिया और वायरस को प्याज ने सोख लेते हैं जिससे घर में रोग जीवाणु कम हो जाता है। कच्चे प्याज से फंगल्स संबंधित रोग भी दूर होते हैं। 


   प्याज को लगभग प्रत्येक सब्जी में डाला जाता है। इसे सलाद के रूप में कच्चा भी खाया जाता है। प्याज हरा और सूखा दोनों प्रकार का प्रयोग में लाया जा सकता है। यकीनन प्याज के प्रयोग से भोजन का स्वाद बढ़ जाता है परंतु यह केवल भोजन को स्वादिष्ट ही नहीं बनाता अपितु इसमें अनेक ऐसे तत्व होते है, जिनसे शरीर को पोषण मिलता है साथ ही यह अनेक रोगों के लिए औषधि का काम भी करता है। यह भोजन पचाने में सहायता करता है तथा शरीर का बल बढ़ाता है। प्याज अच्छा रक्त विकार नाशक भी है।


1. रक्त विकार को दूर करने के लिए 50 ग्राम प्याज के रस में 10 ग्राम मिश्री तथा 1 ग्राम भूना हुआ सफेद जीरा मिला कर सेवन करें। 


2. कब्ज के इलाज के लिए भोजन के साथ प्रतिदिन एक कच्चा प्याज जरूर खाएँ। यदि अजीर्ण की शिकायत हो तो प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उसमें एक नीबू निचोड़ लें या सिरका डाल लें तथा भोजन के साथ इसका सेवन करें।


3. बच्चों को बदहजमी होने पर उन्हें प्याज के जूस की तीन-चार बूँदें चटाने से लाभ होता है। अतिसार के पतले दस्तों के इलाज के लिए एक प्याज पीसकर रोगी की नाभि पर लेप करें या इसे किसी कपड़े पर फैलाकर नाभि पर बाँध दें।


4. उल्टी-दस्त हो रहे हों तो हर एक घंटे में के बाद-बाद रोगी को प्याज के जूस में जरा सा नमक डालकर पिलाने से आराम मिलता है। प्रत्येक 15-15 मिनट बाद 10 बूँद प्याज का रस या 10-10 मिनट बाद प्याज और पुदीने के रस का एक-एक चम्मच पिलाने से भी उल्टी दस्त में राहत मिलती है।


5. हैजा हो गया हो तो सावधानी के तौर पर एक प्याला सोडा पानी में एक प्याला प्याज का जूस, एक नीबू का रस, जरा सा नमक, जरा-सी काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक का रस मिलाकर पी लें, इससे हाजमा दुरुस्त हो जाएगा तथा हैजे का आक्रमण नहीं होगा।


6. बारह ग्राम प्याज के टुकड़े एक किलोग्राम पानी में डालकर काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार नियमित रूप से पिलाने से पेशाब संबंधी कष्ट दूर हो जाते हैं। इससे पेशाब खुलकर तथा बिना कष्ट आने लगता है।


7. खाँसी, साँस, गले तथा फेफड़े के रोगों के लिए व टांसिल के लिए प्याज को कुचलकर नसवार लेना फायदेमंद होता है। जुकाम में भी प्याज की एक गाँठ का सेवन लाभदायक होता है।


8. पीलिया के निदान में भी प्याज सहायक होता है। इसके लिए आँवले के आकार के आधा किलो प्याजों को बीच में से चीर कर सिरके में डाल दीजिए। जरा सा नमक और कालीमिर्च भी डाल दीजिए। प्रतिदिन सुबह-शाम एक प्याज खाने से पीलिया दूर होगा।


9. प्याज को बारीक पीसकर पैरों के तलुओं में लेप लगाने से लू के कारण होने वाले सिरदर्द में राहत मिलती है।


10. कान बहता हो, उसमें दर्द या सूजन हो तो प्याज तथा अलसी के रस को पकाकर दो-दो बूँदें कई बार कान में डालने से आराम मिलता है। यदि कोई अंग आग से जल गया हो तो तुरंत प्याज कूटकर प्रभावित स्थान पर लगाना चाहिए।


   याद रखें प्याज को काटकर ज्यादा देर तक रखकर इस्तेमाल न करें। गर्मी के मौसम में कच्चा प्याज और ठंड के दिनों में तेल में पके हुए प्याज का सेवन करना चाहिए क्योंकि कच्चा प्याज ठंडा प्रवृत्ति के और तला प्याज गर्म प्रवृत्ति के होते हैं।





संपादक - मनितोष सरकार, 

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