सोनकर समाज के युवा ने विधवा माँ और बेटी को अपनाकर पेश की अद्भूत मिसाल समाज के लिए गौरव का विषय
नवागढ़ से दुजेय साहू
'हमसफर मित्र'।
विधवा को जहां आज भी समाज में उचित सम्मान नहीं मिलता वहीं छत्तीसगढ़ सोनकर समाज के एक नौजवान कुंवारे ने 4 साल की एक बेटी की विधवा माँ का हाथ थामकर एक अद्भूत मिसाल पेश की है।भाठागांव, रायपुर की 28 वर्षीय महिला साक्षी सोनकर के पति की गत वर्ष एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। 4 साल की एक बेटी आलिया को लेकर वह और उनके परिजन चिंतित रहने लगे और फिर से उसका घर बसाने की सोचने लगे। ऐसे में धमतरी के ग्राम करेठा निवासी 40 वर्षीय राजकुमार सोनकर को इनके बारे में पता चला बारे जब पता चला तो वह सहर्ष ही इसे भगवान की प्रेरणा और आशीर्वाद मानकर तैयार हो गये। परिवारजनों और समाज की रजामंदी से विगत 29 जून को भाठागांव में समाज के लोगों के सामने चूड़ी व जयमाला पहनाकर विवाह सम्पन्न हुआ। इस उल्लेखनीय कार्य में भाठागांव राज, रायपुर राज और कोलियारी राज का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सोनकर समाज के अध्यक्ष शारदा प्रसाद सोनकर ने वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए इसे सोनकर समाज के इतिहास में अद्वितीय घटना बताते हुए समाज सुधार की दिशा में एक सराहनीय और अनुकरणीय कदम बताया है। उन्होंने अन्य समाज के नौजवानों को भी इससे प्रेरणा लेने कहा है। इस अवसर पर प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए समाज के पदाधिकारी व परिजनों ने उपस्थित रहकर वर-वधू को आशीर्वाद प्रदान किया।
छत्तीसगढ़ सोनकर समाज शिक्षा विकास समिति प्रदेश कार्यकरणी सदस्य मनोज पुरबिया ने युवा राजकुमार सोनकर को सोनकर समाज के लिए गौरव बताया ।समाज के लोगो को प्रेरणा देने वाला युवा बताया।
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