सौन्दर्य प्रसाधन के ये 7 कैमिकल है खतरनाक
सौंदर्य प्रसाधन का इस्तेमाल अक्सर महिलाएं करती हैं। कुछ पुरूष भी इसका आंशिक रूप से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। क्या आपको पता है कि इस सौंदर्य प्रसाधन में जो कैमिकल मिलाया जाता है वह आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है? इसमें मिलाएँ जा रहे हर कैमिकल में कुछ न कुछ नुकसान जरूर होता है।
शादी के रश्म में हर कोई मेकअप करने में नहीं चुकते। देखा जाए तो मेकअप छुटने के बाद त्वचा में कुछ बदलाव सा लगता है। केवल मेकअप के सामान में ही केमिकल रहता है ऐसा नहीं। साबुन, बॉडी वॉश, शैम्पू और कंडीशनर में भी हानिकारक कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।
हम आपको बता रहे हैं सौंदर्य प्रसाधनों में मिलाएँ जा रहे 7 हानिकारक केमिकल्स के बारे में :-
* बेन्जोल पेराअॉक्साइड :-
बेन्जोल पेराअॉक्साइड मुंहासे के उपचार के लिए बनाए गए क्रिम में थोड़ी मात्रा में मिलाया जाता है जो लगभग 2.5 से 5 प्रतिशत का अनुपात से बना रहता है। यह त्वचा को ड्राय करता है और स्कीन में इरीटेशन पैदा करता है। जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील हैं, उन्हें इस केमिकल से जलन एवं खुजली तथा सूजन भी हो सकती है। इसे कैंसर कारक भी माना गया है।
2. ट्रायक्लोसन :-
बाजार में मौजूद कई एंटीबैक्टेरियल साबुनों एवं सौंदर्य प्रसाधनों में एंटीमाइक्रोबियल केमिकल ट्रायक्लोसन मिलाया जाता है। जबकि इसका फायदे के बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। यह केमिकल त्वचा में खुजली पैदा करता है और थायरोड हार्मोंस की सामान्य क्रिया में बाधक है जो थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर अनेक प्रकार के नुकसान के सामना करना पड़ सकता है।
3. पीईजी - 6
अधिकांश साबुनों में पीईजी - 6 मिलाया जाता है जो कैंसर के खतरे को बढ़ावा देता है। इस केमिकल मिश्रित साबुनों का इस्तेमाल अनेक दिनों तक करने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता हैं।
4. फार्मलडीहाइड :-
यह केमिकल अधिकतर बॉडी वॉश, क्लीनसर्स, शैम्पू और कंडिशनर्स सहित कई उत्पादों में मिश्रित किया जाता है। इन उत्पादों के निर्माताओं का कहना है कि यह केमिकल एंटीबैक्टेरियल ग्रोथ को रोकता है। कैंसर के कारणों का खोज करने वाली इंटरनेशनल एजेंसी अॉन कार्किनोजेन्स के मुताबिक यह केमिकल कैंसर का खतरा को बढ़ावा देता है।
5. फ्रेगरेंस :-
ट्रेड सीक्रेट के बहाने ब्यूटी उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधनों एवं साबुन निर्माताओं को छूट दी गई है कि वे सारे इन्ग्रेडिएंट्स की मात्रा और उपयोग को उजागर न करें। इस छूट का लाभ उठाते हुए कई उत्पादक नहीं बताते हैं कि वे कौन सा केमिकल का मिश्रण कर रहे हैं। इस वजह से हमारे शरीर में अस्थमा और माइग्रेन जैसे रोगों का खतरा बढ़ाने वाले केमिकल पहुंच रहे हैं।
6. पाराबेक्स :-
सौंदर्य प्रसाधन एवं ब्यूटी उत्पादक इसे प्रिजरवेटिव की तरह इस्तेमाल करते हैं। यह सामान्य बॉडीवॉश, शैम्पू, साबुन तथा क्लीनसर्स में मिश्रित किया जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह केमिकल महिलाओं में ब्रेस्ट ट्यूमर का खतरा को बढ़ाता है।
7. डी एंड सी यलो - 11
स्कीन केयर तथा अन्य उत्पादों में इस्तेमाल किये जाने वाले रंगों को प्रिफिक्स डी एंड सी अर्थात ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कहा जाता है। यह केमिकल तब तक सुरक्षित है जब तक शरीर इसका शोषण न करें। आंखों के आस-पास के बाहरी हिस्से के लिए यह ज्यादा खतरनाक है।
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