'आज का सेहत'
इन लोगों के लिए ज़हर से कम नहीं है लहसुन, सेवन से पहले जान लें इसका नुकसान
लेखक - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
आयुर्वेद में लहसुन को औषधि के रूप में जाना जाता है। और वास्तविक यह कई रोगों में लाभकारी सिद्ध हुआ है। शरीर के दर्द के अलावा हाई ब्लड प्रेशर जैसे अनेकों रोगों में यह बेहतरीन लाभ पहुंचाते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि इसे हम भोजन में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। क्योंकि कोई भी चीज़ ज्यादा उपयोग करने से उसके दुष्प्रभाव जरूर होता है। इस लेख में हम आपको ज्यादा लहसुन के सेवन से होने वाले नुकसान को नहीं बताएंगे बल्कि किन लोगों को लहसुन बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए यह बताने जा रहे हैं।
आप जानते हैं कि कई गुणों से भरपूर लहसुन सेहत के लिए कई मायनों में लाभदायक साबित होता है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल लगभग सभी तरह के भारतीय पकवानों में किया जाता है। क्योंकि इसका स्वाद काफी स्ट्रॉन्ग होता है इसलिए कई लोग इसके दीवाने होते हैं, और पुरे के पुरे खड़ी लहसुन को खा जाते हैं। तो कई लोगों को यह बिल्कुल नहीं भाता है । इसका गंध से भागते रहते हैं। पहले ही कहा गया है कि आप यह भी जानते होंगे कि आयुर्वेद में लहसुन का उपयोग कई रोग के उपचार के लिए भी किया जाता है।
लेकिन जिन चीज़ों के फायदे होते हैं, उनके कुछ नुकसान (साइड इफेक्ट) भी होते हैं। इसी तरह लहसुन के भी कुछ नुकसान हैं। आइए जानें कि किन लोगों को लहसुन के सेवन से बचना चाहिए?
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं न खाएं
गर्भवती महिलाएं अनजाने में लहसुन का सेवन आंख मुंदकर कर लेते हैं। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी लहसुन का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी में इससे लेबर प्रेरित हो सकता है। वहीं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं अगर ज़्यादा लहसुन खा लें, तो इससे दूध के स्वाद को बदल सकता है। जिससे बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। बच्चों के शरीर में अत्याधिक गर्मी पैदा हो सकती है और त्वचा रोग अथवा पाचन क्रिया में व्यवधान आ सकती है।
मतली, उल्टी और सीने में जलन
कई लोगों ने आयुर्वेद के कहने अनुसार अपने मन से खाली पेट लहसुन सेवन करते हैं, खासकर वह जिसको हाई ब्लड प्रेशर अथवा हृदय संबंधित रोगों का लक्षण है। कोई शरीर अस्थायी दर्द के कारण भी खाली पेट लहसुन इस्तेमाल करते हैं। खाली पेट लहसुन खाने से कई लोगों को सीने में जलन, मतली या उल्टी हो सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि लहसुन में ऐसे यौगिक होते हैं, जो एसिडिटी की वजह बन सकते हैं। एसिडिटी बढ़ने पर दिन भर आपको बेचैनी आ सकती है और काम करने में रुचि नहीं बनती हैं। अतः बिना डॉक्टरी परामर्श से ऐसा नहीं करना चाहिए।
छोटे बच्चों को न दें लहसुन
छोटे बच्चों का शरीर नाजुक होतें है। छोटे बच्चों को ज्यादा लहसुन खाने से अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव देखा जा सकता है। छोटे बच्चों के लिए रोज़ाना लगभग 300 मिलीग्राम लहसुन का सेवन ठीक माना जाता है। कई बार बच्चों को सर्दी, खांसी, निमोनिया आदि होने पर छाती पर सरषो के तेल में लहसुन मिलाकर मालिश करते हैं। इससे उनकी नाज़ुक त्वचा जल सकती है अथवा फफोले पर सकते है।
हो सकती है ज़्यादा ब्लीडिंग
प्राकृतिक रूप से लहसुन में ख़ून को पतला करने के गुण होते हैं। इसलिए इसे ज़्यादा न खाएं। लहसुन का सेवन रक्त पतला करने वाली दवाओं जैसे कि वार्फरिन, एस्पिरिन आदि के साथ नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से सेहत पर जोखिम बढ़ सकता है। खासकर जिसके रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो उन्हें बिल्कुल लहसुन सेवन नहीं करना चाहिए। बुखार जैसे डेंगू में अक्सर प्लेटलेट्स कम हो जाता है जिससे इंटरनल ब्लॉडिंग भी हो सकते हैं जो जानलेवा होता है।
लीवर के लिए है नुकसान
लीवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसमें दिक्कत आने से बाकी अंगों पर भी असर पड़ना शुरू हो जाता है। लिवर रक्त को साफ करने के साथ वसा चयापचय, प्रोटीन चयापचय और हमारे शरीर से अमोनिया को हटाने जैसे कई ज़रूरी काम करता है। लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक यौगिक लिवर में इंफेक्शन का कारण बन सकता है, अगर इसे ज़्यादा मात्रा में खाया जाए। लिवर इंफेक्शन से शरीर के पुरा अंग प्रभावित हो सकते हैं।
वेजाइनल इंफेक्शन में
अगर किसी महिला को पहले से वेजाइनल इंफेक्शन है, तो लहसुन के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण बढ़ सकता है। क्योंकि यहां के संक्रमण साफ-सफाई की कमी और गर्मी के वजह से होता है। लहसुन शरीर के भीतर गर्मी बढ़ा देगा फलस्वरूप इंफेक्शन तेजी से बढ़ सकती है।
कितना लहसुन खाना है सुरक्षित?
आप रोज़ाना लहसुन की 2 से 3 कलियां खा सकते हैं, इससे आपको फायदा मिलेगा। फिर भी मौसम अनुयायी इसका मात्रा तय करें। गर्मी के मौसम में लहसुन के उपयोग कम करना चाहिए वहीं ठंडी के मौसम में ज्यादा उपयोग कर सकते हैं। फिर भी लहसुन के सेवन के लिए मात्रा को अपने निजी चिकित्सक से परामर्श कर लेना ज्यादा उचित होगा।
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