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Friday, April 14, 2023

 


भटके हुए इंसान को भी सही राह दिखाती हैं बाबा साहब अंबेडकर की कही ये बातें 

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक) 

'हमसफर मित्र न्यूज' 






बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने अनुभवों के आधार पर जो बातें कहीं, वो आज के समय में लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं और भटके हुए लोगों को भी सही राह दिखाती हैं. 


हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. बाबा साहब का बचपन काफी संघर्षभरा था, लेकिन उन्‍होंने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया और अपनी शिक्षा को पूरा किया. ये बाबा साहब की काबिलियत ही थी कि उन्‍होंने 32 डिग्रियां हासिल की. इतना ही नहीं, डॉक्‍टरेट की डिग्री उन्‍होंने विदेश से ली. इसके बाद दलितों के उत्‍थान के लिए काम करना शुरू किया. 


बाबा साहब को हमारे देश के संविधान का जनक कहा जाता है. देश के संविधान का मसौदा तैयार करने के अलावा बाबा साहब ने एक अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और वकील के रूप में उन्होंने भारत के सबसे महत्वपूर्ण आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा उन्‍होंने दलित बौद्ध आंदोलन में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई. अपने अनुभवों के आधार पर उस समय बाबा साहब ने जो बातें कहीं, वो आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं और भटके हुए लोगों को भी सही राह दिखाती हैं. 


बाबा साहब की कही प्रेरक बातें


- जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है.


- धर्म मनुष्‍य के लिए है, न कि मनुष्‍य धर्म के लिए.. मैं एक ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.


- अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो.


- यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा.


- इंसान का जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए.


- जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है.


- जो कौम अपना इतिहास तक नहीं जानती है, वे कौम कभी अपना इतिहास भी नहीं बना सकती है.


- मैं किसी समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है.


- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्‍व का अंतिम लक्ष्‍य होना चाहिए.


बाबा साहब के व्‍यक्तित्‍व से सीखें ये बातें

बाबा साहब पढ़ने में काफी तेज थे. उनके अंदर हमेशा से ही कुछ नया सीखने की इच्‍छा रहती थी. उनकी इस जिज्ञासु प्रवृत्ति ने उन्‍हें इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभाई. हम सभी को भी भी बाबा साहब से ये गुण सीखना चाहिए.

बाबा साहब समाज के प्रति अपनी जिम्‍मेदारियों को अच्‍छे से समझते थे. उनका मानना था कि हर व्‍यक्ति को समाज के लिए कुछ करना चाहिए ताकि उसके आसपास के लोग भी बेहतर जीवन जी सकें.

बाबा साहब खुद की क्षमताओं पर यकीन रखते थे. उनका मानना था कि अगर व्‍यक्ति को खुद पर भरोसा है तो वो बड़े से बड़ा काम भी आसानी से कर सकता है.

बाबा साहब हमेशा लोगों को साथ लेकर चले, इसीलिए उनका व्‍यक्तित्‍व इतना बड़ा बन सका. उनका मानना था कि व्‍यक्ति की तरक्‍की में सभी का साथ होता है, इसलिए उसे लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए.



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